
हरिद्वार भूमि खरीद घोटाले में अब तक कुल 12 अफसरों पर एक्शन हुआ है। इनमें से 10 अफसर सस्पेंड कर दिए गए हैं। डीएम कर्मेंद्र सिंह और आईएएस वरुण चौधरी को निलंबित कर दिया गया है। पीसीएस अजयवीर भी निलंबित कर दिए गए हैं। जांच के बाद पाया गया है कि जमीन खरीदने में इन अफसरों द्वारा अनदेखी और लापरवाही की गई है।
हरिद्वार नगर निगम द्वारा सराय गांव में कूड़ाघर के पास स्थित 2.3070 हेक्टेयर अनुपयुक्त भूमि को करोड़ों रुपये में खरीदे जाने पर सवाल उठने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। जांच अधिकारी ने अपनी जांच में हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह जो नगर निगम के प्रशासन भी थे, उनको अपने पदीय दायित्वों की अनदेखी करने, प्रशासक के रूप में भूमि की अनुमति प्रदान करते हुए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं करने और नगर निगम के हितों को ध्यान में नहीं रखने।
- 12 पर एक्शन, 10 अधिकारी सस्पेंड
- कर्मेन्द्र सिंह – जिलाधिकारी और तत्कालीन प्रशासक नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
- वरुण चौधरी – तत्कालीन नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
- अजयवीर सिंह- तत्कालीन, उपजिलाधिकारी हरिद्वार (निलंबित)
- निकिता बिष्ट – वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
- विक्की – वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक (निलंबित)
- राजेश कुमार – रजिस्ट्रार कानूनगो, तहसील हरिद्वार (निलंबित)
- कमलदास –मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, तहसील हरिद्वार (निलंबित)
- रविंद्र कुमार दयाल- प्रभारी सहायक नगर आयुक्त (सेवा समाप्त)
- आनंद सिंह मिश्रवाण- प्रभारी अधिशासी अभियंता (निलंबित)
- लक्ष्मी कांत भट्ट्- कर एवं राजस्व अधीक्षक (निलंबित)
- दिनेश चंद्र कांडपाल- अवर अभियंता (निलंबित)
- वेदपाल- सम्पत्ति लिपिक (सेवा समाप्त)