
बुधवार शाम पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई जिसमें भारत ने पाकिस्तान के साथ वर्ष 1960 में किये गये सिंधु जल समझौते को रोकने का फैसला किया। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई। तो वहीं कई अन्य लोग घायल हो गए। CCS ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही घायलों के स्वस्थ होने की कामना की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार शाम सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की अहम बैठक हुई, जो करीब ढाई घंटे तक चली। इस बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जो फैसले सामने रखे वो इस बात को दर्शाते हैं कि भारत अब आतंकवाद को लेकर किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा।
सबसे बड़ी घोषणा ये रही कि 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। भारत ने अटारी के एकीकृत चेक पोस्ट को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। कोई पाकिस्तान नागरिक उक्त वीजा स्कीम के तहत भारत में है तो उसे 48 घंटे के तहत भारत छोड़ना होगा। नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित करते हुए एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी। यह बदलाव 1 मई तक पूरा किया जाएगा। CCS ने सुरक्षा बलों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है और कहा कि हमले के गुनहगारों को सजा दिलाई जाएगी