
उत्तराखंड सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूलने का निर्णय लिया है। यह सैस फास्टैग के माध्यम से खुद ब खुद ही कटेगा और इसके लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया गया है। कैबिनेट ने ग्रीन सेस की दरों में 28 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। व्यावसायिक वाहनों से पहले से ग्रीन सेस वसूला जा रहा है। बाहरी राज्यों के निजी वाहनों के लिए 15 जून के बाद वसूली शुरू होगी।
राज्य सरकार ने श्रेणीवार ग्रीन सैस दरें तय की हैं, जो रु. 80 से लेकर रु. 700 तक होंगी। ऑटोमेटेड व्हीकल ग्रीन सेस कलेक्शन सिस्टम (एवीजीसीसीएस) के लिए परिवहन विभाग ने सॉफ्टवेयर भी तैयार कर लिया है। आने वाले समय में उत्तराखंड में दाखिल होने वाले अन्य राज्यों के वाहनों की नंबर प्लेट को सॉफ्टवेयर रीड करेगा।
प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले इलेक्टि्रक वाहन और दोपहिया वाहनों पर सेस नहीं लागू नहीं होगा। इसके अलावा उत्तराखंड में पंजीकृत वाहनों से भी नई व्यवस्था में ग्रीन सेस वसूली नहीं की जाएगी।