
जिला प्रशासन के औचक निरीक्षण में डीएम समेत मुख्य विकास अधिकारी,एसडीएम,एसडीएम ने एक साथ अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की गई। पीपीपी मोड पर 12 शहरी अस्पताल पर औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान डॉक्टर नदारद मिले।
छापेमारी में चौकाने वाले हालात सामने आए। ज्यादातर अस्पतालों में डॉक्टर नदारद मिले, एएनएम, लैब टेक्नीशियन और नर्स की सिर्फ कागजों पर ‘भूतिया एंट्री’ पाई गई। कई जगह दवाएं आधी मिलीं, सफाई और सुरक्षा राम भरोसे छोड़ दी गई थी। जिस पर डीएम ने सीएमओ को आवश्यक निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने पर्याप्त स्टॉफ मौजूद न रहने पर 3 महीने की बायोमेट्रिक उपस्थिति की डिटेल देने के निर्देश दिए हैं।
डीएम ने मौके पर ही संबंधित कंपनी पर 5 लाख रुपये का प्रारंभिक अर्थदंड ठोका और फर्म का एमओयू टर्मिनेट करने की सिफारिश मुख्य सचिव को भेज दी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अधोईवाल में मौजूद रजिस्टर जांच करने पर पीएचसी में डॉक्टर, 4 एएनएम, लैब टेक्नीशियन और अस्पताल प्रबंधक गायब मिले।
पीएचसी मात्र एक एएनएम और वार्ड आया के भरोसे पाया गया। पीएचसी में टीकाकरण, वेलनेस, ओपीडी पंजीकरण और आपातकालीन सेवाओं की जांच करने पर रेफर मरीजों का रजिस्टर तक मेंटेन नहीं मिला। बायो मेडिकल वेस्ट को सामान्य वेस्ट के साथ ही डिस्पोजल होना पाया गया।
इसी प्रकार सीडीओ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चूना भट्ट पहुंचे। यहां मेडिकल स्टॉक के जांच करने पर स्टॉक में खामियां मिली। अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसंट्रेटर तो रखा मिला, उसको चलाना किसी भी स्टाफ को नहीं आया। अस्पताल में इनवर्टर में सिंगल बैटरी लगी थी। जिससे लाइट जाने पर फ्रिज में रखी दवाइयां खराब हो सकती हैं।
निरीक्षण के दौरान अर्बन पीएचसी में मानक के अनुरूप व्यवस्थाएं नही पाई गई। पर्याप्त डॉक्टर, एएनएम, नर्स, उपकरण, सफाई व्यवस्था, दवाईयां, टीकाकरण कक्ष, बैड, भवन आदि व्यवस्थाएं एमओयू के मानक के अनुसार नही पाई गई. कई केन्द्रों पर मरीजों, तीमारदारों के लिए बैठने की व्यवस्था, पीने का पानी, जनरेटर, दवाई इंजेक्शन रखने को डीप फ्रीजर नहीं पाए गए। जिसके बाद जिला प्रशासन ने जुर्माने की कार्यवाही के साथ ही मुख्य सचिव से कम्पनी का अनुबंध निरस्तीकरण करने की संस्तुति की तैयारी कर ली है।