
मुख्यमंत्री आवास परिसर में मंगलवार को शहद निष्कासन कार्य किया गया। जिसमें पहले चरण में 57 किलोग्राम शहद निकाला किया गया। इस बार लगभग 200 किलोग्राम तक शहद निकालने का लक्ष्य रखा गया है।
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में मौन पालन की अपार संभावनाएं हैं। राज्य में बहुत मात्रा में फूलों की प्रजातियां हैं, जो उच्च गुणवत्ता वाले जैविक शहद उत्पादन में सहायक हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में औषधीय गुणों वाला शहद तैयार करने के लिए लोगों को प्रशिक्षण दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने बी-कीपिंग कार्य को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेते हुए शहद महोत्सव आयोजित करने के लिए उद्यान विभाग को निर्देश दिए। जिसमें मधुमक्खी द्वारा तैयार किए जाने वाले समस्त प्रोडक्ट महोत्सव में रखने और हर वर्ष शहद महोत्सव की एक तिथि भी निर्धारित करने को कहा।