
हरिद्वार नगर निगम के करोड़ों के जमीन घोटाले की हाई प्रोफाइल जांच पूरी हो गई है। IAS अफसर रणवीर सिंह चौहान को मई महीने के पहले हफ्ते में यह जांच सौंप गई थी। जिसे करीब 25 दिनों में पूरा करने के बाद शासन को सौंप दिया गया है।
सूत्रों कि माने तो जमीन घोटाले में हरिद्वार के डीएम कर्मेंन्द्र सिंह की भूमिका सवालों के घेरे में है। डीएम के साथ-साथ तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी और एसडीएम अजयवीर सिंह भी दोषी बताए जा रहे हैं। इस जमीन को खरीदने के लिए शुरुआत कृषि भूमि के रूप में फाइल चलकर हुई लेकिन भूमि कमर्शियल उपयोग के रूप में नगर निगम द्वारा खरीदी गई जिससे इस भूमि के दाम कई गुना बढ़ गए।