लोकसभा सीट के टिकट में कांग्रेस ने कई दिनों की मशक्कत के बाद आखिरकार शनिवार देर शाम हरिद्वार और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर संसदीय सीटों के उम्मीदवार घोषित कर दिए। लेकिन टिकट का फैसला आखिरकार पूर्व सीएम हरीश रावत की पसंद के अनुसार ही हुआ। एक तरह से पार्टी को अपने सबसे वरिष्ठ नेता की जिद के आगे झुकना पड़ा। कांग्रेस के तीन प्रत्याशियों की घोषणा 12 मार्च को ही हो चुकी थी, लेकिन हरिद्वार सीट पर हरीश रावत के अड़ जाने के कारण टिकट वितरण का मामला कुछ ज्यादा ही लंबा खिंच गया। दरअसल, इस सीट पर एक तरफ जहां खुद हरीश परिवार (हरीश रावत और उनके पुत्र वीरेंद्र रावत) दावेदार थे तो दूसरी तरफ प्रदेश अध्यक्षकरन माहरा और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत भी दावेदार बने हुए थे।
नैनीताल-ऊधमसिंहनगर सीट पर टिकट की दौड़ में बाजी आखिरकार पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी के हाथ लगी। इस सीट पर दावेदारों की दौड़ में पूर्व सांसद महेंद्र सिंह पाल भी आगे माने जा रहे थे। बाद में प्रत्याशियों के संबंध में अंतिम निर्णय के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श के बाद प्रकाश जोशी पर भरोसा जताया।
कांग्रेस ने उत्तराखंड की कुल पांच में से तीन संसदीय सीटों गढ़वाल, टिहरी और अल्मोड़ा के लिए गत 12 मार्च को प्रत्याशियों की घोषणा की थी। हरिद्वार और नैनीताल-ऊधमसिंहनगर की सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर सहमति नहीं बनने से पेच फंस गया था। पार्टी हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद 11 दिन बाद यह मामला सुलझ सका।